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जून, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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एनडीआरएफ (NDRF)

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नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स एनडीआरएफ भारत की एक स्पेशल स्पेशलिस्ट फोर्स है जिसका काम भारत में आई हुई प्राकृतिक आपदाओं से नागरिकों की सुरक्षा और सहायता करना है । भारत में प्रत्येक वर्ष प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं जिसके कारण देश के नागरिकों को अपनी जान माल का बहुत नुकसान उठाना पड़ता था, इसके बाद भारत सरकार को एक ऐसे संगठन की आवश्यकता हुई जो इस प्राकृतिक आपदा में देश के नागरिकों की सुरक्षा और सहायता प्रदान कर सकें, भारत सरकार ने नेशनल डिजास्टर एक्ट 2005 के तहत नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स का गठन किया । आपदा के समय आने वाली विशेष प्रकार की परिस्थिति जैसे बाढ़ भूकंप भूस्खलन ओर तूफान जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ के जवानों को विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है  मुख्यालय एनडीआरएफ का मुख्यालय नई दिल्ली में अंत्योदय भवन में स्थित है इसके प्रमुख देश के माननीय प्रधानमंत्री जी होते हैं। एनडीआरएफ का फुल नाम एनडीआरएफ का फुल फॉर्म नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स है (national disaster response force) हिंदी में इसका अर्थ  "राष्ट्रीय आपदा मोचन बल" है । आदर्श वाक्य  एनडीआर...

एनडीआरएफ (NDRF)

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नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स एनडीआरएफ भारत की एक स्पेशल स्पेशलिस्ट फोर्स है जिसका काम भारत में आई हुई प्राकृतिक आपदाओं से नागरिकों की सुरक्षा और सहायता करना है । भारत में प्रत्येक वर्ष प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं जिसके कारण देश के नागरिकों को अपनी जान माल का बहुत नुकसान उठाना पड़ता था, इसके बाद भारत सरकार को एक ऐसे संगठन की आवश्यकता हुई जो इस प्राकृतिक आपदा में देश के नागरिकों की सुरक्षा और सहायता प्रदान कर सकें, भारत सरकार ने नेशनल डिजास्टर एक्ट 2005 के तहत नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स का गठन किया । आपदा के समय आने वाली विशेष प्रकार की परिस्थिति जैसे बाढ़ भूकंप भूस्खलन ओर तूफान जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ के जवानों को विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है  मुख्यालय एनडीआरएफ का मुख्यालय नई दिल्ली में अंत्योदय भवन में स्थित है इसके प्रमुख देश के माननीय प्रधानमंत्री जी होते हैं। एनडीआरएफ का फुल नाम एनडीआरएफ का फुल फॉर्म नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स है (national disaster response force) हिंदी में इसका अर्थ  "राष्ट्रीय आपदा मोचन बल" है । आदर्श वाक्य  एनडीआर...

स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक नारे

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भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महत्व महत्वपूर्ण ऐतिहासिक नारे  भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नारों की विशेष भूमिका है उनके द्वारा कहे गए हर नारों ने भारतीय क्रांतिकारियों में जान फूंक दी, भारत को आजादी ऐसे ही नहीं मिली है उसके लिए हमारे महान क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है इन महान क्रांतिकारियों के कारण ही इतिहास के पन्नों में 15 अगस्त 1947 का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो सका और उनके द्वारा कहे गए हर नारे ने देश के प्रत्येक हिस्से से हर उम्र  के लोगों ने मिलकर आवाज बुलंद की थी उनके नारे इतने प्रभावशाली थे की अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाना पड़ा । आइए जानते हैं, उन नारों के बारे में जिन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया, 1- भगत सिंह  "इंकलाब जिंदाबाद"  2- महात्मा गांधी जी  "करो या मरो"  "अंगेजो भारत छोड़ो" "भारत माता की जय"  3- नेताजी सुभाष चंद्र बोस  "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंग"  "आजादी मिलती नहीं है बल्कि उसे छीन ना पढ़ता है" "जय हिंद"  "दिल्ली चलो"  4- रविंद्र नाथ...

डीआरडीओ (DRDO)

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भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन  भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यह भारत सरकार का एक उपक्रम है जो कि भारत के रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है इस संगठन का काम भारत की सेनाओं के लिए उन्नत से उन्नत स्वदेशी हथियार प्रणाली का विकास करना है । इस संस्थान की स्थापना सन 1958 भारतीय सेना की प्रौद्योगिकी विकास अधिष्ठान, रक्षा विज्ञान संस्थान ओर प्रौद्योगिकी विकास ओर उत्पादन का निदेशालय, तीनों का एकीकरण करके भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का गठन किया गया । डीआरडीओ का मोटो डीआरडीओ का मोटो “बलस्य मूलं विज्ञानम” है, जिसका अर्थ शक्ति का आधार विज्ञान है, इंग्लिश मैं इसका अर्थ Strength’s Origin is in Science” है। डीआरडीओ का विजन "विश्व-स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीय आधार स्थापित कर भारत को समृद्ध बनाना और अपनी रक्षा सेना को अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रतिस्पर्धी प्रणालियों और समाधानों से लैसकर उन्हें निर्णायक लाभ प्रदान करना।" मुख्यालय इसका मुख्यालय दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के निकट ही सेना भवन के सामने डीआरडीओ भवन में स्थित है । इस संस्था का नेतृत्व भारत सरकार के रक्षा म...

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो )

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) के बारे में कुछ जानकारी। 12 अगस्त 1919 को  भारत के अहमदाबाद शहर (गुजरात) में जन्मे डॉ विक्रम साराभाई ने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो )की स्थापना की थी. यह भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है. इस संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिए अंतरिक्ष संबंधी तकनीक उपलब्ध करवाना है. जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है और प्राथमिक प्रक्षेपण स्थान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में हैं इस अंतरिक्ष केंद्र का नाम भारतीय प्रोफेसर सतीश धवन के नाम पर रखा गया है जो कि एक महान रॉकेट वैज्ञानिक थे । अभी इसके वर्तमान निर्देशक का नाम  डॉ॰ के॰ शिवान  है । इसरो का आदर्श वाक्य- "मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी" भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिक और कर्मचारियों ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बदौलत इसरो का नाम विश्व भर में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है 2014 में इसरो को शांति निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । इसरो मे 17 हजार से ज्यादा वैज्ञानिक और कर्मचारी इस समय संस्थान ...

प्रधानमंत्री जन धन योजना

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प्रधानमंत्री जन धन योजना के बारे में जानकारी  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से जन धन योजना की घोषणा की थी. इसके बाद 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया गया. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से एक गरीब लोगों का खाता जीरो बैलेंस पर खोलना था । अगर हमारे देश के आर्थिक रूप से गरीब लोग बड़ी संख्या में वित्तीय सेवाओं से वंचित रहेंगे तो यह हमारे देश की विकास में बाधा बनेंगे, इस लिए देश के गरीब नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस योजना की आवश्यकता थी । जिससे इस से होने वाले सभी लाभ और विकास का हिस्सा बन सके । कौन लोग खुलवा सकते हैं प्रधानमंत्री जनधन खाता भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 10 वर्ष या उससे ज्यादा है वह व्यक्ति जनधन खाता खुलवा सकता है । जनधन खाते के फायदे 1- देशभर में पैसों के ट्रांसफर की फ्री सुविधा । 2- इस योजना के अंतर्गत पैसे निकालना और जमा करना बिल्कुल फ्री है । 3- जमा पैसे पर ब्याज मिलता है । 4- सरकारी योजनाओं के फायदे का सीधा पैसा खाते में आता है। 5- जनधन खाता खोलने वाले को रुपे डेबिट कार्ड दिया जा...

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार को फिल्म जगत का बेहद विशिष्ट पुरस्कार माना जाता है. जो व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान देने के लिए दिया जाता है । भारतीय सिनेमा में दादा साहेब फाल्के के ऐतिहासिक योगदान के कारण 1969 में भारत सरकार ने उनके सम्मान में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को हुआ था. दादा साहेब फाल्के ने सबसे पहले 1913 को भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म भारतेंदु हरिश्चंद्र बनाई थी । कौन प्रदान करता है दादासाहेब फाल्के  पुरस्कार को ? दादासाहब फाल्के पुरस्कार को भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के द्वारा दिया जाता है. इस पुरस्कार के रुप में विजेता व्यक्ति को 10 लाख रुपए दिए जाते हैं और साथ में एक स्वर्ण कमल दिया जाता है । आपको बता दें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार को भारतीय सिनेमा जगत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार माना जाता है । दादा साहेब फाल्के पुरस्कार अब तक कुल मिलाकर 50 विशेष व्यक्तियों को प्रदान किया जा चुका है । साउथ सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत को 51वां दादा साह...

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह

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भारत के राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह किसी भी देश के राष्ट्रीय प्रतीक ओर चिन्ह उस देश की पहचान होते हैं आइए जानते हैं भारत के राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह के बारे में, भारत का राष्ट्रीय ध्वज  भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है. इसको 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है . ऊपरी भाग पर केसरिया रंग होता है.जो कि बलिदान का प्रतीक है. मध्य वाले भाग पर सफेद रंग होता है. सफेद रंग शांति का प्रतीक है. निचले भाग पर हरा रंग होता है जो कि सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सफेद रंग की पट्टी के बीचों बीच गहरे नीले रंग का चक्र बना होता है. जिसमें 24 तीलियां होती हैं. इस चक्र को अशोक स्तंभ से लिया गया है. भारत का राष्ट्रीय गान  भारत का राष्ट्रीय गान जन गण मन है. इसके रचयिता नोबल पुरुस्कार विजेता कविगुरु रविंद्रनाथ टैगोर है.राष्ट्रीय गान को सबसे पहले 27 दिसंबर  1911 को भारतीए राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था. इस के बाद संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को भारत के रा...

बंकिमचद्र चट्टोपाध्याय का जीवन परिचय

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बंकिमचद्र चट्टोपाध्याय का जीवन परिचय बंकिमचद्र चट्टोपाध्याय भारत के प्रख्यात उपन्यासकार , कवि और पत्रकार थे । बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म 26 जून 1838 को पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले के कांठलपाड़ा गांव में एक समृद्ध बंगाली परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा हुगली कॉलेज और प्रेसीडेंसी कॉलेज में हुई । और 1869 में कानून की डिग्री हासिल की इसके बाद उन्होंने सरकारी नौकरी कर ली । बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की शादी महज 11 वर्ष की आयु में ही हो गई थी । किताबों के प्रति बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की रूचि बचपन से ही थी । चटर्जी ने अपना पहला बंगला उपन्यास दुर्गेश नंदिनी 1865 में लिखा था तब वह महज 27 साल के थे । उनकी अगली रचनाएं 1866 में कपालकुंडला, 1869 में ,1877 में रजनी, 1877 में चंद्रशेखर, 1884 में देवी चौधुरानी लिखी थी । बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय ने 1872 में मासिक पत्रिका बंगदर्शन का भी प्रकाशन किया । बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय के द्वारा 1874 में लिखा गया एक अमर गीत वंदे मातरम् भारतीय स्वाधीनता संग्राम का मुख्य उपदेश बना और साथ में आज देश का राष्ट्रगीत भी है । वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत या नारा ही नह...

कविगुरु रविंद्रनाथ ठाकुर के अनमोल विचार एवं उनका जीवन परिचय

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जीवन परिचय कविगुरु रविंद्रनाथ ठाकुर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म 7 मई 1816 को कोलकाता में हुआ । उनके पिता का नाम देवेंद्रनाथ टैगोर और उनकी माता का नाम शारदा देवी था । एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्मे टैगोर ने महज 8 साल की उम्र में कविता लिखना प्रारंभ कर दिया था ।उनकी पहली कविता संग्रह मात्र 16 साल की उम्र में प्रकाशित हुई थी । विश्व विख्यात महाकाव्या गीतांजलि की रचना के लिए उन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया । साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार जीतने वाले वह मात्र पहले भारतीय थे । साथ में वह दुनिया के ऐसे कवि हैं जिनकी दो रचनाएं दो देशों का राष्ट्रगान है । 1- भारत का राष्ट्रगान "जन गण मन" 2- बांग्लादेश का राष्ट्रगान "आमार सोनार बांग्ला" साहित्य की शायद ही ऐसी कोई विधा है, जिनमें उनके रचना ना हो गान, कविता , नाटक , उपन्यास , शिल्पकला सभी विधाओं मे उनकी रचना विश्वविख्यात है । उनकी रचनाओं में   गीतांजलि, गीताली, कथा ओ कहानी,  शिशु,चोखेर बाली, गोरा, घरे बाइरे, काबुलीवाला, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि प्र...

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की जानकारी । प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक योजना है । इस योजना के अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है । भारत सरकार की तरफ से किसानों को ₹6000 की सालाना मदद की जाती है ।यह पैसा साल भर में तीन किस्तों में सरकार की तरफ से दिया जाता है । और सहायता राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा हो जाती है, अर्थात प्रत्येक 4 माह के बाद किसानों को ₹2000 की सहायता राशि दी जा रही है इसका लाभ के केवल उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके पास जमीन है और वह भी उनके नाम पर है वह सभी किसान योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं । पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए कैसे करें आवेदन? प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए किसान दो माध्यम से आवेदन कर सकते हैं पहला माध्यम कॉमन सर्विस सेंटर है दूसरा माध्यम किसान खुद पीएम किसान सम्मान स्कीम की अधिकारिक वेबसाइट पर जाकर कर सकते हैं पीएम किसान सम्मान स्कीम की अधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in है। 1- पहला माध्यम कॉमन सर्विस सेंटर(CSC) 1- किसान योजना में आवेदन करने के लिए अपने नजद...

भारतीय योग ।

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भारतीय योग के बारे में जानकारी । भारत में योग की परंपरा अत्यंत प्राचीन है जिसकी उत्पत्ति हजारों वर्ष पहले हुई थी । ऐसा माना जाता है कि जब से हमारी धरती पर सभ्यता प्रारंभ हुई है तब से योग किया जा रहा है ।  योग एक आध्यात्मिक प्रक्रिया है जिसमें शरीर , मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम होता है । योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द के ‘युज’ से हुई है । सामान्य भाव में योग का अर्थ है जुड़ना । यानी दो तत्वों का मिलन योग कहलाता है गणित भाषा में दो या दो से से अधिक संख्याओं के जोड़ को योग कहते है । भगवान श्री कृष्ण ने श्रीमद्भागवत गीता में कहा है कि "योगा: कर्मसु कौशलम्" अर्थात कर्मों की कुशलता का नाम योग है । अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। इसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में की थी । इसके बाद 21 जून 2015 को संपूर्ण विश्व में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाया गया था। 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 177 देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी । संयुक्त राष्ट्...

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनमोल वचन ।

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अनमोल वचन  जीवन परिचय, महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था । इनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था । इनके पिता का नाम करमचंद गांधी था । मोहन दास की माता का नाम पुतलीबाई था । महात्मा गांधी के जन्म दिवस को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है । महात्मा गांधी जी का विवाह सन 1883 में मात्र 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा जी से हुआ था लोग उन्हें प्यार से 'बा' कह कर पुकारते थे । सत्य और अहिंसा की राह पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करने की सीख गांधी जी को उनकी मां से मिली थी । 30 जनवरी 1948 में दिल्ली के बिरला हाउस में गांधीजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी । अंतिम समय में उनके मुख से 'हे राम' शब्द निकले थे । उनकी मृत्यु के बाद नई दिल्ली के राजघाट पर उनका समाधि स्थल बनाया गया है । उनका मूल मंत्र था शोषण विहीन समाज की स्थापना करना उसके लिए सभी को शिक्षित होना चाहिए । क्योंकि शिक्षा के अभाव में एक स्वस्थ समाज का निर्माण असंभव है । गांधी जी के नेतृत्व में बिहार के चंपारण जिले में सन 1917 में एक...

भारत रत्न पुरस्कार के बारे में जानकारी।

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भारत रत्न पुरस्कार के बारे में जानकारी, भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है यह सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है । यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिया जाता है । इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी । 1 वर्ष में अधिकतम 3 व्यक्तियों को ही भारत रत्न दिया जा सकता है जरूरी नहीं है कि भारत रत्न हर वर्ष दिया जाए । भारत रत्न पुरस्कार के तहत कोई धनराशि नहीं दी जाती। यह सम्मान पाने वाले व्यक्ति को भारत सरकार की तरफ से एक प्रमाण पत्र और एक तमांग दिया जाता है । अब तक 48 शख्सियत  भारत रत्न से सम्मानित हो चुकी हैं । शुरुआत में भारतरत्न मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था । यह प्रावधान 1955 में बाद में जोड़ा गया था ।इस का आकार एक पीपल के पत्ते की तरह है ओर इस पर सूर्य की प्लैटिनम छवि के संग देवनागरी लिपि में भारत रत्न लिखा हुआ है । भारत रत्न जिन शख्सियतों दिया जाना होता है उनका नाम प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को भेजा जाता है और भारत रत्न पर आखिरी फैसला राष्ट्रपति द्वारा ही लिया जाता है । आइए जानते हैं,...

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