एनडीआरएफ (NDRF)
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12 अगस्त 1919 को भारत के अहमदाबाद शहर (गुजरात) में जन्मे डॉ विक्रम साराभाई ने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो )की स्थापना की थी. यह भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है. इस संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिए अंतरिक्ष संबंधी तकनीक उपलब्ध करवाना है. जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है और प्राथमिक प्रक्षेपण स्थान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में हैं इस अंतरिक्ष केंद्र का नाम भारतीय प्रोफेसर सतीश धवन के नाम पर रखा गया है जो कि एक महान रॉकेट वैज्ञानिक थे । अभी इसके वर्तमान निर्देशक का नाम डॉ॰ के॰ शिवान है ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिक और कर्मचारियों ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बदौलत इसरो का नाम विश्व भर में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है
2014 में इसरो को शांति निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया ।
इसरो मे 17 हजार से ज्यादा वैज्ञानिक और कर्मचारी इस समय संस्थान में कार्यरत है ।
- भारत का पहले निर्मित रॉकेट रोहिणी-75 जिसे 20 नवंबर 1967 को लांच किया गया था ।
- भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट 19 अप्रैल 1975 को सोवियत संघ(रूस) द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया था इसका नाम महान गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था ।
- 7 जून 1979 को भारत का दूसरा उपग्रह भास्कर को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया गया ।
- सन 1980 में भारत के द्वारा विकसित किया गया पहला स्वदेशी प्रक्षेपण यान slv-3 बना ।
- अप्रैल 1984 को सोवियत यूनियन (रूस) के प्रक्षेपण यान से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अंतरिक्ष यात्री भारतीय राकेश शर्मा बने ।
- इसरो ने 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान-1 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया । चंद्रयान के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद भारत चांद पर यान भेजने वाला छठा देश बन गया ।
- 24 सितंबर 2014 को इसरो ने मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला मंगलयान सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया। इस प्रकार भारत अपने पहले ही प्रयास में सफल होने वाला पहला राष्ट्र बना । इससे पहले सभी देश अपने पहले प्रयास में असफल हुए थे ।
- 22 जून 2016 को रिकॉर्ड 20 अंतरिक्ष उपग्रह का प्रक्षेपण किया ।
- 15 फरवरी 2017 को श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से एक साथ अंतरिक्ष में रिकॉर्ड 104 उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया. इस में कुछ भारतीय और विदेशी उपग्रह थे ।
- जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 का सफल प्रक्षेपण किया।
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत अपना स्वदेशी गगनयान मिशन के माध्यम से अंतरिक्ष में 2022 से पहले या बाद में आपने अंतरिक्ष यात्री भेज देगा । अगर ऐसा होता है तो वह दिन भारत के इतिहास का बहुत बड़ा दिन होगा ।
आगामी आने वाले वर्षों में chandrayaan-3 का प्रक्षेपण किया जाएगा. इससे पहले भारत के दोनों चंद्रयान मिशन ने सफल प्रक्षेपण किया है।
आने वाले वर्षों में मंगलयान-2 प्रक्षेपण किया जाएगा इससे पहले भारत का मिशन मंगलयान सफलतापूर्वक सफल हुआ था ।
इस आदित्य-1 मिशन का काम सूर्य के बारे में जानकारी एकत्रित करना होगा और इसका प्रक्षेपण आगामी आने वाले वर्षों में होगा।
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