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एनडीआरएफ (NDRF)

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नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स एनडीआरएफ भारत की एक स्पेशल स्पेशलिस्ट फोर्स है जिसका काम भारत में आई हुई प्राकृतिक आपदाओं से नागरिकों की सुरक्षा और सहायता करना है । भारत में प्रत्येक वर्ष प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं जिसके कारण देश के नागरिकों को अपनी जान माल का बहुत नुकसान उठाना पड़ता था, इसके बाद भारत सरकार को एक ऐसे संगठन की आवश्यकता हुई जो इस प्राकृतिक आपदा में देश के नागरिकों की सुरक्षा और सहायता प्रदान कर सकें, भारत सरकार ने नेशनल डिजास्टर एक्ट 2005 के तहत नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स का गठन किया । आपदा के समय आने वाली विशेष प्रकार की परिस्थिति जैसे बाढ़ भूकंप भूस्खलन ओर तूफान जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एनडीआरएफ के जवानों को विशेष प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है  मुख्यालय एनडीआरएफ का मुख्यालय नई दिल्ली में अंत्योदय भवन में स्थित है इसके प्रमुख देश के माननीय प्रधानमंत्री जी होते हैं। एनडीआरएफ का फुल नाम एनडीआरएफ का फुल फॉर्म नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स है (national disaster response force) हिंदी में इसका अर्थ  "राष्ट्रीय आपदा मोचन बल" है । आदर्श वाक्य  एनडीआर...

स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक नारे

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भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महत्व महत्वपूर्ण ऐतिहासिक नारे  भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नारों की विशेष भूमिका है उनके द्वारा कहे गए हर नारों ने भारतीय क्रांतिकारियों में जान फूंक दी, भारत को आजादी ऐसे ही नहीं मिली है उसके लिए हमारे महान क्रांतिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया है इन महान क्रांतिकारियों के कारण ही इतिहास के पन्नों में 15 अगस्त 1947 का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो सका और उनके द्वारा कहे गए हर नारे ने देश के प्रत्येक हिस्से से हर उम्र  के लोगों ने मिलकर आवाज बुलंद की थी उनके नारे इतने प्रभावशाली थे की अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाना पड़ा । आइए जानते हैं, उन नारों के बारे में जिन्होंने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया, 1- भगत सिंह  "इंकलाब जिंदाबाद"  2- महात्मा गांधी जी  "करो या मरो"  "अंगेजो भारत छोड़ो" "भारत माता की जय"  3- नेताजी सुभाष चंद्र बोस  "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंग"  "आजादी मिलती नहीं है बल्कि उसे छीन ना पढ़ता है" "जय हिंद"  "दिल्ली चलो"  4- रविंद्र नाथ...

डीआरडीओ (DRDO)

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भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन  भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यह भारत सरकार का एक उपक्रम है जो कि भारत के रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है इस संगठन का काम भारत की सेनाओं के लिए उन्नत से उन्नत स्वदेशी हथियार प्रणाली का विकास करना है । इस संस्थान की स्थापना सन 1958 भारतीय सेना की प्रौद्योगिकी विकास अधिष्ठान, रक्षा विज्ञान संस्थान ओर प्रौद्योगिकी विकास ओर उत्पादन का निदेशालय, तीनों का एकीकरण करके भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का गठन किया गया । डीआरडीओ का मोटो डीआरडीओ का मोटो “बलस्य मूलं विज्ञानम” है, जिसका अर्थ शक्ति का आधार विज्ञान है, इंग्लिश मैं इसका अर्थ Strength’s Origin is in Science” है। डीआरडीओ का विजन "विश्व-स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीय आधार स्थापित कर भारत को समृद्ध बनाना और अपनी रक्षा सेना को अंतर्राष्ट्रीय रूप से प्रतिस्पर्धी प्रणालियों और समाधानों से लैसकर उन्हें निर्णायक लाभ प्रदान करना।" मुख्यालय इसका मुख्यालय दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के निकट ही सेना भवन के सामने डीआरडीओ भवन में स्थित है । इस संस्था का नेतृत्व भारत सरकार के रक्षा म...

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो )

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो ) के बारे में कुछ जानकारी। 12 अगस्त 1919 को  भारत के अहमदाबाद शहर (गुजरात) में जन्मे डॉ विक्रम साराभाई ने 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन( इसरो )की स्थापना की थी. यह भारत का राष्ट्रीय अंतरिक्ष संस्थान है. इस संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिए अंतरिक्ष संबंधी तकनीक उपलब्ध करवाना है. जिसका मुख्यालय बेंगलुरु में है और प्राथमिक प्रक्षेपण स्थान सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा आंध्र प्रदेश में हैं इस अंतरिक्ष केंद्र का नाम भारतीय प्रोफेसर सतीश धवन के नाम पर रखा गया है जो कि एक महान रॉकेट वैज्ञानिक थे । अभी इसके वर्तमान निर्देशक का नाम  डॉ॰ के॰ शिवान  है । इसरो का आदर्श वाक्य- "मानव जाति की सेवा में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी" भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिक और कर्मचारियों ने अपनी काबिलियत और मेहनत के बदौलत इसरो का नाम विश्व भर में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया है 2014 में इसरो को शांति निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया । इसरो मे 17 हजार से ज्यादा वैज्ञानिक और कर्मचारी इस समय संस्थान ...

प्रधानमंत्री जन धन योजना

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प्रधानमंत्री जन धन योजना के बारे में जानकारी  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले की प्राचीर से जन धन योजना की घोषणा की थी. इसके बाद 28 अगस्त 2014 को इस योजना का शुभारंभ किया गया. इस योजना का मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से एक गरीब लोगों का खाता जीरो बैलेंस पर खोलना था । अगर हमारे देश के आर्थिक रूप से गरीब लोग बड़ी संख्या में वित्तीय सेवाओं से वंचित रहेंगे तो यह हमारे देश की विकास में बाधा बनेंगे, इस लिए देश के गरीब नागरिकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए इस योजना की आवश्यकता थी । जिससे इस से होने वाले सभी लाभ और विकास का हिस्सा बन सके । कौन लोग खुलवा सकते हैं प्रधानमंत्री जनधन खाता भारत में रहने वाला कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 10 वर्ष या उससे ज्यादा है वह व्यक्ति जनधन खाता खुलवा सकता है । जनधन खाते के फायदे 1- देशभर में पैसों के ट्रांसफर की फ्री सुविधा । 2- इस योजना के अंतर्गत पैसे निकालना और जमा करना बिल्कुल फ्री है । 3- जमा पैसे पर ब्याज मिलता है । 4- सरकारी योजनाओं के फायदे का सीधा पैसा खाते में आता है। 5- जनधन खाता खोलने वाले को रुपे डेबिट कार्ड दिया जा...

दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

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दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दादा साहेब फाल्के पुरस्कार को फिल्म जगत का बेहद विशिष्ट पुरस्कार माना जाता है. जो व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में आजीवन योगदान देने के लिए दिया जाता है । भारतीय सिनेमा में दादा साहेब फाल्के के ऐतिहासिक योगदान के कारण 1969 में भारत सरकार ने उनके सम्मान में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की शुरुआत की गई थी. दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 को हुआ था. दादा साहेब फाल्के ने सबसे पहले 1913 को भारतीय सिनेमा की पहली फिल्म भारतेंदु हरिश्चंद्र बनाई थी । कौन प्रदान करता है दादासाहेब फाल्के  पुरस्कार को ? दादासाहब फाल्के पुरस्कार को भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के द्वारा दिया जाता है. इस पुरस्कार के रुप में विजेता व्यक्ति को 10 लाख रुपए दिए जाते हैं और साथ में एक स्वर्ण कमल दिया जाता है । आपको बता दें दादा साहेब फाल्के पुरस्कार को भारतीय सिनेमा जगत का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार माना जाता है । दादा साहेब फाल्के पुरस्कार अब तक कुल मिलाकर 50 विशेष व्यक्तियों को प्रदान किया जा चुका है । साउथ सिनेमा के सुपरस्टार रजनीकांत को 51वां दादा साह...

भारत के राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह

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भारत के राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह किसी भी देश के राष्ट्रीय प्रतीक ओर चिन्ह उस देश की पहचान होते हैं आइए जानते हैं भारत के राष्ट्रीय प्रतीक व चिन्ह के बारे में, भारत का राष्ट्रीय ध्वज  भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है. इसको 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया था. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 होता है . ऊपरी भाग पर केसरिया रंग होता है.जो कि बलिदान का प्रतीक है. मध्य वाले भाग पर सफेद रंग होता है. सफेद रंग शांति का प्रतीक है. निचले भाग पर हरा रंग होता है जो कि सुख और समृद्धि का प्रतीक होता है. राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सफेद रंग की पट्टी के बीचों बीच गहरे नीले रंग का चक्र बना होता है. जिसमें 24 तीलियां होती हैं. इस चक्र को अशोक स्तंभ से लिया गया है. भारत का राष्ट्रीय गान  भारत का राष्ट्रीय गान जन गण मन है. इसके रचयिता नोबल पुरुस्कार विजेता कविगुरु रविंद्रनाथ टैगोर है.राष्ट्रीय गान को सबसे पहले 27 दिसंबर  1911 को भारतीए राष्ट्रीय कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में गाया गया था. इस के बाद संविधान सभा ने 24 जनवरी 1950 को भारत के रा...

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